Zaruri Bat Kahni Ho
Koi Wada Nibhana Ho
Use Awaz Deni Ho
Use Wapas Bulana Ho
Hamesha Der Kar Deta Hun Main…
Madad Karni Ho Uski
Yar Ki Dharas Bandhana Ho
Bahut Derina Raston Par
Kisi Se Milne Jana Ho
Hamesha Der Kar Deta Hun Main…
Badalte Mausamon Ki Sair Main
Dil Ko Lagana Ho
Kisi Ko Yad Rakhna Ho
Kisi Ko Bhul Jana Ho
Hamesha Der Kar Deta Hun Main…
Kisi Ko Maut Se Pahle
Kisi Gam Se Bachna Ho
Haqiqat Aur Thi Kuch
Us Ko Ja K Ye Batana Ho
Hamesha Der Kar Deta Hun Main…
-Munir Niazi
हमेशा देर कर देता हूँ मैं…!
जरुरी बात कहनी हो,
कोई वादा निभाना हो,
उसे आवाज देनी हो,
उसे वापस बुलाना हो,
हमेशा देर कर देता हूँ मैं…!
कोई वादा निभाना हो,
उसे आवाज देनी हो,
उसे वापस बुलाना हो,
हमेशा देर कर देता हूँ मैं…!
मदद करनी हो उसकी,
उसकी ढारस बढ़ाना हो,
बहुत देरीना रास्तो पर,
किसीसे मिलने जाना हो,
हमेशा देर कर देता हूँ मैं…!
उसकी ढारस बढ़ाना हो,
बहुत देरीना रास्तो पर,
किसीसे मिलने जाना हो,
हमेशा देर कर देता हूँ मैं…!
बदलते मौसमों की सैर में,
दिल को लगाना हो,
किसी को याद रखना हो,
किसी को भूल जाना हो,
हमेशा देर कर देता हूँ मैं…!
दिल को लगाना हो,
किसी को याद रखना हो,
किसी को भूल जाना हो,
हमेशा देर कर देता हूँ मैं…!
किसीको मौत से पहले,
किसी गम से बचाना हो,
हक़ीक़त और थी कुछ,
उसको जाकर ये बताना हो,
हमेशा देर कर देता हूँ मैं…!
किसी गम से बचाना हो,
हक़ीक़त और थी कुछ,
उसको जाकर ये बताना हो,
हमेशा देर कर देता हूँ मैं…!
-मुनीर नियाज़ी